*_संगठन शक्ति बड़े-बड़ों को धूल चटा देती है । क्योंकि...._*
संगठन में - *नियम नहीं, व्यवस्था होती है*।
संगठन में - *सूचना नहीं, समझ होती है*।
संगठन में - *क़ानून नहीं,अनुशासन होता है*।
संगठन में - *भय नहीं, भरोसा होता है*।
संगठन में - *शोषण नहीं, पोषण होता है*।
संगठन में - *आग्रह नहीं, आदर होता है*।
संगठन में - *संपर्क नहीं, सम्बन्ध होता है*।
संगठन में - *अर्पण नहीं, समर्पण होता है*।
संगठन में - *मैं"नही "हम"होता है*।
संगठन में- *"आत्मप्रशंसा" नहीं "सर्व सम्मान” होता है।*
*इसलिए स्वयं को संगठन से जोड़े रखें।*
*संगठन सामूहिक हित के लिए होता है, व्यक्तिगत "स्पर्धा" और "स्वार्थ" के लिए नही।*
*प्रशंसा सबकी करो निंदा किसी की नहीं।*