Monday, 6 February 2017

बीमारी नहीं ,फिर भी बीमार हैं तो ध्यान दीजिए

बीमारी नहीं ,फिर भी बीमार हैं तो ध्यान दीजिए
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कभी कभी हमारे सामने ऐसी भी समस्याएं आती हैं ,
जब व्यक्ति महसूस करता है कि वह बीमार है ,
किंतु मेडिकल जांच में कोई रोग ,
कोई समस्या नहीं निकलती ।
व्यक्ति सालों साल बीमार रहता है
पर न कोई दवा काम करती है न समझ आता है
कि उसे हुआ क्या है ।
डाक्टर कोई दिक्कत नहीं पाता ,व्यक्ति अस्वस्थ भी होता है ।
धीरे धीरे व्यक्ति घर -परिवार ,समाज से कटता जाता है ,चिड़चिड़ा हो जाता है ,कमजोर होता जाता है ,
दिनचर्या अव्यवस्थित हो जाती है ,
न नींद ठीक से आती है न भूख ठीक से लगती है ।
बुरे ख्याल ,बुरे सपने आते हैं ,हीन भावना ,निराशा घेरे रहती है और अंततः सचमुच रोगों का आक्रमण होने लगता है
क्योंकि प्रतिरोधक क्षमता समाप्त हो जाती है ।
ऐसी स्थिति का समाधान विज्ञान के पास नहीं होता ,
क्योकि भौतिक प्रमाणों पर आधुनिक विज्ञान आधारित होता है
और यहाँ भौतिक प्रमाण मिलते नहीं ।
यह समस्या नकारात्मक ऊर्जाओं से उतपन्न होती है ।
यह नकारात्मक ऊर्जा ग्रह दोष से उतपन्न हुई हो सकती है ।
पित्र दोष से उतपन्न हुई हो सकती है ।
वास्तु दोष ,सीलन आदि से उतपन्न हुई हो सकती है ।
पर्याप्त प्रकाश ,धुप न मिलने से हुई हो सकती है ।
देवी देवताओं की पूजा में हुई गलतियों से हो सकती है ।
कुलदेवी देवता की रुष्टता से उतपन्न हुई हो सकती है ।
किसी द्वारा टोना टोटका करने से हुई हो सकती है ।
अपने या अपने लोगों द्वारा बेहतरी के लिए किये गए कई उपाय ,
ये कुछ कारण ऐसी समस्या के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं ।
उपरोक्त कारण जरूरी नहीं की घर के सभी सदस्यों को प्रभावित करें ।
कोई कमजोर दिल का है उसे प्रभावित जल्दी कर देते हैं ।
किसी का ब्लड पतला हो उस पर प्रभाव जल्दी पड़ता है ।
कोई भावुक एकांत प्रिय अधिक हो उसे जल्दी प्रभावित करते है ।
कोई किसी परेशानी में चिंतित हो और आत्मबल कमजोर हो उसे प्रभावित करना शुरू कर सकते हैं ।
किसी को लक्ष्य कर कोई शक्ति या अभिचार भेज दिया जाए ,
कर दिया जाए तो ऐसा हो सकता है ।
ऐसे अनेक कारण होते हैं कि
घर का कोई एक ही व्यक्ति ऐसी समस्या से ग्रस्त हो सकता है ।
कभी कभी परिवार के कई लोग एक ही तरह की समस्या से ग्रस्त हो सकते हैं ।
कभी कभी रिश्तेदारी या खानदान में कई पीढ़ियों में एक सी समस्या दिख सकती है ।
ऐसी समस्याओं को सरसरी तौर पर नहीं देखना चाहिए ।
जब तक मूल कारण नहीं मिलता समस्या समाधान नहीं हो सकता ।
इसके लिए किसी उच्च जानकार की मदद लेनी चाहिए ।
यहाँ वहां के टोटके उपाय नहीं आजमाने चाहिए न लगातार उपाय बदलना चाहिए ।
मूल कारण पता करके बताए उपाय लगातार करने चाहिए
उपायों के अतिरिक्त कुछ क्रियाएं ,
सावधानियां व्यक्ति के स्वस्थ होने में मदद करती हैं ,
इन्हें करना चाहिए ।
जैसे व्यक्ति को पर्याप्त प्रकाश ,धुप आदि मिलना चाहिए ,
घर में सीलन ,अँधेरा आदि नहीं रखना चाहिए ।
व्यक्ति के मनोबल को बढ़ाना चाहिए ,उसे हमेशा आशावादी रखना चाहिए ।
एकांत से ,अकेलेपन से बचाना चाहिए ।
उसके प्रति व्यवहार सौहार्द्र पूर्ण रखना चाहिए ।
उसे घूमने फिरने ,खेलने कूदने ,लोगों से मिलने जुलने को कहना चाहिए ।
उसे व्यस्त रखना चाहिए ।
प्रेरक कथाएं ,जोश पूर्ण कहानियां पढ़ने को प्रेरित करनी चाहिए ।
इसके साथ योग्य ज्ञानी के बताए उपाय बिना तोड़ मरोड़ किये गम्भीरता से करने चाहिए ।.

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