Monday, 12 December 2016

राशन कार्ड प्रिन्ट करने मे पूरे हिंदुस्तान मे धांधली

राजस्थान पत्रिका के संपादकीय मे फर्जी राशन कार्ड लोगो ने बनवा दिये इंगित किया गया है ?

सीधे सीधे शब्द मे जनता को गुमराह किया गया है यहा लोगो का तात्पर्य देशभर की जनता से है डि एस ओ प्रशासन या जिस कम्पनी इत्फोटेक प्रा.लि. गुजरात को राशन कार्ड प्रिन्ट करने को ठेका दिया गया उन से है ?
     खबर के हिसाब से कहा गया कि फर्जी राशन कार्ड पकडने के लिए एनआईसी के   साफ्टवेयर से आर्गेनिक मैचिंग करवाई गई जिसके कारण फर्जी राशन कार्ड निरस्त किये गये ।
1. क्या आपने यह पता किया है कि राशन कार्ड बनाने के लिए परिवारो की कुल आवेदन सख्या क्या थी।
2. इत्फोटेक प्रा.लि. गुजरात द्वारा कितने परिवारो के राशन कार्ड प्रिन्ट किये गये व पता किजिये की आवेदन सख्या व कम्पनी द्वारा प्रिन्ट करवाये गये राशन कार्ड विभाग को मिले तो सख्या समान थी  जब डिएसओ द्वारा राशन कार्ड वितरण करवाये गये तो क्या सख्या समान थी सही बात तो यह है कि सभी परिवारो के आवेदन पर राशन कार्ड बनाए ही नही गए और गुजरात कम्पनी ने उतनी सख्या के अलग अलग क्रमांक न. डालकर एक ही परिवार के पांच पांच -छे छे राशन कार्ड प्रिन्ट कर आवेदन व कार्ड सख्या को बराबर कर दिया ना सरकार ने कोई कार्रवाई की और न ही प्रशासन ने कार्रवाई की क्योंकि जनता के साथ धोखा हुआ उन्हे क्या लेना देना चतुराई से एक आदेश दिया की जिन्न जिन्न परिवार के राशन कार्ड नही बने वह ईमीत्रा जाकर अपना आवेदन करे ।

लेकिन मेने डिएसओ  बीकानेर राजस्थान से आरटीआई सूचना मांगी तब बताया गया कि 168000 आवेदन  160290 वितरण किये 7710 वितरण करने बकाया है अब बताओ जनता इसमे दोषी केसे हूई क्या जो दोषी है उनके बारे मे कुछ लिखने कि हिम्मत जुटा पाएगा  राजस्थान पत्रिका ने बताया 81000 राशन कार्ड फर्जी बताए है ।

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