जगतगुरु आदि शंकराचार्य
शंकरं शंकराचार्य केशवं बादरायणम |
सूत्र भाष्य कृतो वन्दे भगवन्तो पुनः पुनः ||
अर्थात : शंकराचार्य जो स्वयं (साक्षात् ) भगवान शंकर हे और बादरायण जो स्वयं (साक्षात् ) केशव (विष्णु ) हे और ब्रहम सूत्र और उसके भाष्य के रचियता वेदव्यास भगवान और शंकराचार्य को बारम बार वंदन प्रणाम करते हे
श्रुति स्मृति पुराणानां अलायं करुणालयम |
नमामि भगवत्पादम शंकरं लोक शंकरं ||
अर्थात : श्रुति स्मृति पुराण का आश्रय , तथा करुणा के महा सागर आचार्य शंकर भगवत्पाद जो समस्त लोगो का कल्याण शुभ करने वाले हे में उनको नमस्कार करता हु
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