Sunday, 8 January 2017

शरह नत्थानियान् गोचर भूमि संरक्षण एवम विकास समिति

शरह नत्थानियान् गोचर भूमि में वर्षा ऋतु के उपरांत लगायी गयी सेवण घास के अंतिम चारागाह को गौमाता के चराई हेतु खोल दिया गया इस मौके पर शरह नत्थानियान् गोचर भूमि में स्थित हनुमान मठ पर शरह नत्थानियान् गोचर भूमि संरक्षण एवम विकास समिति के अध्यक्ष श्री बृज नारायण किराडू ने संवित सोमगिरि जी महाराज और माननीय पूर्व नहर व आबकारी मंत्री श्री देवीसिंह जी भाटी को आमंत्रित किया सेवन घास के चारागाह को उनके करकमलो से खुलवाने हेतु
शरह नत्थानियान् गोचर भूमि स्थित हनुमान मठ पर पहले श्री देवीसिंह जी भाटी ने अपने शब्दो और चिर परिचित अंदाज में लोक व्यवस्था पर अंकुश बढ़ने की बात कहते हुए सभी आये हुए गोपालक और गो सेवकों को चेताया गौ धन की उपयोगिता और महत्त्वता की बात कहते हुए उन्होंने समूह में रहने संगठन से गो पालन और गोचर के संरक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए अपनी बात कही तो संवित सोमगिरि जी महाराज ने संस्कार और सत्संग की बात कही उन्होंने संस्कारों को जीवित रखने की बात कही उन्होंने कहा संस्कार बचे तो गौ माता बच जायेगी क्योंकि गोपालन भी एक संस्कार है जिसे नयी पीढ़ी को समझना और जीवन में धारण करना जरुरी है ! साथ ही उन्होंने समय के साथ हुए तकनिकी विकास और उसके उपकरण को भी आत्मसात करने की बात कही इस अवसर पर श्री बृज नारायण किराडू ने शरह नत्थानियान् गोचर भूमि संरक्षण एवम विकास समिति के ३२ साल के अतीत के कार्यो और उन कार्यो में माननीय श्री देवीसिंह जी भाटी और संवित सोमगिरी जी के अतुल्य सहयोग को भी सब के समक्ष रखा 
वैदिक मंत्रोचारण के साथ गौ माता का पूजन किया गया और फिर शरह नत्थानियान् गोचर भूमि पर स्थित सारी गौधन के लिए इस वर्ष के सेवण घास के चारागाह को माननीय श्री देवीसिंह जी भाटी और संवित सोमगिरि जी करकमलों से खोल दिया गाया जो आगामी दो माह तक गौधन के लिए सेवण घास का प्राकृतिक आहार उपलब्ध करवाएगा

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